इस्तीफा देते ही अश्विनी कुमार ने कांग्रेस को ले लिया आड़े हाथों, मीडिया के सामने क्या-क्या बोले? देखें
Ashwani Kumar resigns Congress
कांग्रेस (Congress) के बड़े-बड़े नेता (Leaders) उससे दूर होते जा रहे हैं| अब वरिष्ठ नेता अश्विनी कुमार (Ashwani Kumar on resigns Congress) ने कांग्रेस को टाटा कह दिया है| जबकि अश्विनी कुमार कांग्रेस से बड़े लम्बे सालों से जुड़े हुए थे और पार्टी के काफी करीबी माने जाते थे| कांग्रेस ने उन्हें अपनी सरकार में केंद्रीय कानून मंत्री भी बनाया| फिलहाल, अब जब अश्विनी कुमार कांग्रेस से मुंह मोड़ ही लिया है तो यह जान लीजिये कि उन्होंने अचानक ऐसा क्यों किया? अश्विनी कुमार खुद बता रहे हैं कि उन्होंने कांग्रेस क्यों छोड़ी| अश्विनी कुमार के शब्दों में कांग्रेस के लिए तीखापन दिखा है|
दरअसल, अश्विनी कुमार ने मीडिया से सामने कहा कि कांग्रेस अब वह पार्टी नहीं है जो वह थी और आने वाले समय में कांग्रेस पार्टी की राजनीतिक भूमिका और भी कम होगी क्योंकि पार्टी के पास एक परिवर्तनकारी और प्रेरक नेतृत्व नहीं है| पार्टी नेतृत्व को सोचना चाहिए कि पार्टी के निष्ठावान लोग क्यों धीरे-धीरे पार्टी को अलविदा कह रहे हैं।
कुमार ने कहा कि मैंने पार्टी छोड़ने का फैसला अपनी अस्मिता और सम्मान को समक्ष रखकर लिया है। यह एक दर्दनाक फैसला था। मैंने लंबे और कठिन विचार किए, और महसूस किया कि आज जिस तरह से कांग्रेस की आंतरिक प्रक्रियाएं चल रही हैं, मैं अपनी गरिमा और आत्मसम्मान के अनुरूप अब और जारी नहीं रख सकता। मुझे लगा कि मेरे कंधे इतने मजबूत नहीं हैं कि उदासीनता का भार उठा सकें|
राजनीति नहीं छोड़ने वाला...
अश्विनी कुमार ने यह भी साफ कर दिया कि वे राजनीति नहीं छोड़ने वाले| अश्विनी कुमार ने कहा कि कांग्रेस भले ही छोड़ दी लेकिन मैंने न तो राजनीति छोड़ी है और न ही सार्वजनिक सेवा| मैं राष्ट्र के लिए अपने दायित्वों का निर्वहन करना जारी रखूंगा| मैं अब और दम से राजनीति करूंगा और अपनी तकदीर खुद लिखूंगा। कुमार ने कहा कि आज देश को लोगों को जोड़ने वाली राजनीति की जरूरत है|
अश्विनी कुमार का जाना दुःख की बात...
इधर, अश्विनी कुमार के कांग्रेस छोड़ने पर कांग्रेस नेता जयवीर शेरगिल ने कहा कि जब भी एक सदस्य जिसका पार्टी से 40-45 साल का रिश्ता रहा वो छोड़कर जाता है तो ये दुख की बात है लेकिन हमारी शुभकामनाएं अश्विनी कुमार के साथ हैं। अश्विनी कुमार का इस्तीफा पंजाब चुनाव पर कोई असर नहीं डालने वाला क्योंकि ये चुनाव जनता के मुद्दों पर लड़ा जा रहा है|